US कंपनियों को भारत आने का न्योता, FM बोलीं- ‘हम हैं ग्लोबल ग्रोथ के इंजन’
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सैन फ्रांसिस्को में कई वरिष्ठ कारोबारी नेताओं और बिजनेस लीडर्स से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), एनर्जी और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा की। मंत्री ने दोनों देशों के बीच निवेश बढ़ाने और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के अवसरों पर भी बातचीत की।
वित्त मंत्री अमेरिका और पेरू के 11 दिवसीय दौरे पर
वित्त मंत्री रविवार को सैन फ्रांसिस्को पहुंचीं, जहां से उन्होंने अमेरिका और पेरू के 11 दिवसीय दौरे की शुरुआत की। दौरे की शुरुआत में उन्होंने कैलिफोर्निया के इस शहर में भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ बातचीत की। सोमवार को उन्होंने कई बिजनेस लीडर्स और कॉरपोरेट एक्जीक्यूटिव्स से मुलाकात की। इस दौरान मंत्री ने सिलिकॉन वैली की वेंचर कैपिटल फर्म a16z के जनरल पार्टनर अंजनेय मिधा (Anjney Midha) और टेक्नोलॉजी कंपनी VMware के सीईओ रघु रघुराम (Raghu Raghuram) से मुलाकात की।
सैन फ्रांसिस्को में बिजनेस लीडर्स से की मुलाकात
वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी दी कि बैठक के दौरान वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तकनीक के क्षेत्र में हो रहे अभूतपूर्व परिवर्तन पर चर्चा की। उन्होंने सुझाव दिया कि a16z और VMware को एआई (AI) के क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य और एआई सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस जैसे क्षेत्रों में सहयोग के अवसर तलाशने चाहिए।
रघुराम ने कहा कि “एआई एक स्ट्रैटेजिक इंफ्रास्ट्रक्चर है और भारत इस क्षेत्र में जो काम कर रहा है, वह साफ नजर आ रहा है।” वहीं, मिधा ने बताया कि उनकी कंपनी 16 अलग-अलग क्षेत्रों में इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े सेक्टोरल फंड्स के जरिए कई देशों में रियल-वर्ल्ड प्रॉब्लम्स के समाधान पर काम कर रही है।
वित्त मंत्रालय ने बताया कि निर्मला सीतारमण ने भारत की एआई (AI) पहलों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने इस क्षेत्र में युवाओं को स्किल्ड और ट्रेन करने की आवश्यकता पर जोर दिया और a16z को इस दिशा में सहयोग के संभावनाओं को तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया।
डिजिटल तकनीक अपनाने में भारत आगे
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गूगल क्लाउड (Google Cloud) के सीईओ थॉमस कुरियन और उनकी टीम से भी मुलाकात की। इस दौरान #DigitalIndia पहल के तहत हाल के वर्षों में भारत के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में आए बड़े बदलावों पर चर्चा हुई। वित्त मंत्रालय ने X पर बताया कि इस बातचीत में इस बात को रेखांकित किया गया कि कैसे भारत ने डिजिटल तकनीक अपनाने (digital adoption) के मामले में खुद को एक ग्लोबल लीडर के रूप में स्थापित किया है।
मंत्रालय के अनुसार, थॉमस कुरियन ने भारत की AI मिशन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की डिजिटल दिशा की सराहना की। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि भारत को दुनिया से जोड़ने के लिए लैंड और सी केबल्स के ज़रिए कनेक्टिविटी बढ़ाई जानी चाहिए। कुरियन ने यह भी बताया कि Google Cloud का लक्ष्य है कि 2030 तक उसके सभी डेटा सेंटर और ऑफिस पूरी तरह से कार्बन-फ्री एनर्जी पर काम करें। साथ ही, उन्होंने भारत के लिए गूगल क्लाउड द्वारा तैयार की जा रही नई इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी पर भी जानकारी दी।
सीतारमण ने Google Cloud को प्रोत्साहित किया कि वह भारत में स्थानीय स्तर पर साझेदारियों (local linkages) की संभावनाएं तलाशे और मेक इन इंडिया पहल के तहत भारत और वैश्विक बाजारों के लिए तकनीक का निर्माण करे।
अमेरिकी निवेशकों ने दिखाई भारत में निवेश की रुचि
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा आयोजित लंच राउंडटेबल में हिस्सा लिया, जिसमें वित्त सचिव अजय सेठ और अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा के साथ कई पेंशन फंड मैनेजरों और अन्य संस्थागत निवेशकों ने भाग लिया। इस बैठक में प्रतिभागियों ने वित्त मंत्री के साथ भारत सरकार द्वारा किए जा रहे सुधारों पर अपने विचार साझा किए और मौजूदा नीति ढांचे पर प्रतिक्रिया और सुझाव दिए। निवेशकों ने अमेरिका और भारत के बीच गहरे और व्यापक निवेश सहयोग में अपनी रुचि और प्रतिबद्धता जाहिर की। साथ ही, उन्होंने इस बात पर भी सुझाव दिए कि भारत में निवेश अनुभव को और बेहतर कैसे बनाया जा सकता है।
इसी दिन उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के हूवर इंस्टीट्यूशन में ‘विकसित भारत 2047 (#ViksitBharat) की नींव’ विषय पर मुख्य भाषण दिया। इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने प्रोफेसर स्टीव डेविस के साथ एक फायरसाइड चैट में भी हिस्सा लिया।
सैन फ्रांसिस्को के बाद सीतारमण 22 से 25 अप्रैल के बीच वॉशिंगटन डीसी जाएंगी, जहां वह इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) और वर्ल्ड बैंक की स्प्रिंग मीटिंग्स, G20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों की दूसरी बैठक (FMCBG), डेवलपमेंट कमेटी प्लेनरी, IMFC प्लेनरी और ग्लोबल सॉवरेन डेट राउंडटेबल (GSDR) जैसी प्रमुख बैठकों में हिस्सा लेंगी।