बैतूल:-वाकई एमपी गजब है जी हां एमपी गज़ब है हम इसलिए कह रहे है क्योंकि यंहा के सरकारी नुमाइंदे जो न करे वो थोड़ा कम ही है। पानी के टैंकर पर लिखा है जल ही जीवन है,लेकिन जीवन देने वाले जल की बर्बादी देखना है तो बैतूल नगर पालिका का ये विनाशकारी कार्य देखिए। दरअसल पिछले दो साल से बैतूल शहर की सड़कों की हालत बेहद जर्जर हो गई है। वन्ही नई बनी सड़को पर भी धूल जम गई है। शहर में हर तरफ सड़क के गड्ढों और धूल से लोगों को सांस लेना दूभर हो रहा है। नगरपालिका और लोक निर्माण विभाग सड़कों की मरम्मत या नई सड़क बनाने के प्रयास करने की जगह धूल को छिपाने में जुटी है। इसलिए रोजाना शहर की सड़कों पर हजारों लीटर पानी सींचा जाता है। पिछले दो महीने से बैतूल की सड़कों पर सुबह शाम नगरपालिका के टैंकर  हजारो लीटर पानी सड़कों पर सींचकर बर्बाद कर रही हैं। एक दिन में 10 हजार लीटर पानी और दो महीने में 6 लाख लीटर पानी यूं ही बर्बाद किया जा चुका है। इसके लिए भारी भरकम राशि भी खर्च की जा रही है।अधिकारी बड़ी साफगोई से कहते है कि पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड से बार- बार मार्गदर्शन दिया जा रहा है की शहर में अगर डष्ट पॉल्युशन है, तो जो भी नगर पालिका के पास संसाधन है, उनका उपयोग करें जिससे कि डष्ट से होने वाली समस्या न हो सके। उससे होने वाले रोग न हो इसलिए इस तरह की गतिविधिया की जाती है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि डामर का दुश्मन होता है पानी और लगातार पानी डालें जाने सड़के ज़्यादा दिन नही टिकने वाली साथ ही यह तरीका कृत्रिम जल संकट बनाने का भी है। सड़कों से त्रस्त हो चुकी जनता को नगरपालिका की इस बेतुके कार्य के चलते नगर में भीषण जलसंकट का सामना करना पड़ सकता है ।