बैतूल के महुपानी गाँव में सर्पदंश के बाद तड़प रहे एक युवक को लेने गाँव मे एम्बुलेंस पहुंची लेकिन यहां युवक के परिजनो का प्रयास उसे डॉक्टरी इलाज देने से ज्यादा झाड़फूंक में लगा हुआ था । मौके पर पहुंची एम्बुलेंस टीम ने देखा कि युवक तेदेपा रहा था और उसका मामा जो कि एक भगत भुमका है झांड़फूंक और मंत्रों से ज़हर उतारने का प्रयास कर रहा था । एम्बुलेन्स टीम ने परिजनों को समझाया कि कोबरा के ज़हर का इलाज मेडिकल ट्रीटमेंट के बाद ही अम्भव है लेकिन परिजन नहीं माने और समय बर्बाद करते रहे । आखिरकार एम्बुलेंस टीम ने युवक को उठाकर एम्बुलेंस में लिया और जिला अस्पताल की तरफ निकले । चलती एम्बुलेंस में भी झांड़फूंक जारी थी जिसका वीडियो एम्बुलेंस टीम ने बनाकर अधिकारियों को भेजा क्योंकि ऐसे मामलों में मरीज की मौत हो जाने पर अक्सर लोग आरोप लगाते है कि एम्बुलेंस समय पर नहीं आई या सही इलाज नहीं मिला । वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि युवक का तांत्रिक मामा उसके सिर पर हाथ रखकर मंत्रोच्चार कर रहा है । बहरहाल एम्बुलेंस टीम जिला अस्पताल पहुंची और युवक का इलाज शुरू हुआ । फिलहाल युवक की हालत स्थिर बनी हुई है । अगर परिजन झांड़फूंक में कुछ और देर करते तो शायद उसे बचाना भी मुश्किल होता । बैतूल जिले में सर्पदंश के कई मामलों में झाड़फूंक के चलते मरीज की मौत हो जाने के मामले भी सामने आते रहे हैं लेकिन जनजातीय क्षेत्रों में लोग अब भी मेडिकल ट्रीटमेंट से पहले अंधविश्वास का ही सहारा लेते हैं ।