टेक्स के मामले में गरीब को दुत्कार रसूखदारों को दुलार
बैतूल:- फूहड़ता से परिपूर्ण देवी आराधना कराने वाले गरबा आयोजकों को टैक्स में अभयदान या फिर कहें पूरी छूट देने की प्लानिंग की जा रही है। कमाई के चक्कर मे उन गरीबों की भावनाओं से खेलने की कोशिश की जा रही है जिन्हें टेक्स का पैसा नपा में जमा ना किये जाने पर प्रताधित किया जाता है। गरबा आयोजकों को टेक्स ना देना पड़े इसके लिए बाकायदा आयोजकों ने उन जनप्रतिनिधियों को भी विश्वास में ले रखा है। जिनके एक इशारे पर नपा के कर्मचारी और अधिकारी इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल सकते हैं। यदि गरबा आयोजकों से टैक्स की वसूली नहीं कि जाति है तो यह सीधे सीधे उन गरीबो के साथ भेदभाव होगा जो गरीब अपना पेट काटकर नपा में टेक्स जमा करता है।
जानकारी के मुताबिक न्यू बैतूल स्कूल ग्राउंड पर होने वाले अनुभूति गरबे के आयोजन में प्रति व्यक्ति 800 से 1000 रुपए के पास बेचे गए हैं। लाखों रुपयों की वसूली कर ग्राउंड ग्लैमरस सजावट की गई है। जबकि शाषन स्तर पर प्रावधान किया गया है कि मनोरंजन के नाम पर लोगों से पैसों की वसूली कर इस तरह के आयोजन करने वाले आयोजकों से निर्धारित दर पर मनोरंजन टैक्स की वसूली की जाए।लेकिन ऐसा होता नजर नहीं आना कहीं ना कहीं ऐसा प्रतीत हो रहा है कि, आयोजकों को पर्दे के पीछे से सपोर्ट किया जा रहा है।जानकारी मिली है कि लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम में एक गरबे का आयोजन किया जा चुका है। आयोजकों द्वारा करीब डेढ़ हजार लोगों को 150 रुपए की दर से पास बेचे गए थे। लेकिन मनोरंजन कर के रूप में नपा को टैक्स नहीं दिया गया । रसूखदारों के चक्कर और नेतागिरी की चलते नपा को भी राजस्व का नुकसान झेलना पड़ रहा है। जो आम जनता के साथ सरासर अन्याय प्रतीत हो रहा है।
विज्ञापन के नाम पर लाखों की वसूली
गरबे के आयोजन को लेकर आयोजकों द्वारा वसूली जा एक और नमूना देखने को मिल रहा है। आयोजकों द्वारा प्रतिष्ठानों के प्रचार प्रसार को लेकर संचालकों से भी हजारों लाखों रुपयों की वसूली किये जाने की जानकारी सामने आ रही है। और देवी आराधना के नाम पर फूहड़ता परोसे जाने के प्रयास सरेआम किये जा रहे हैं। यही नहीं लाखों रुपयों की बिजली जलाकर बिजली कम्पनी को भी चूना लगाया जा रहा है। वो भी तब एक माह का बिजली बिल पेंडिंग होने पर उपभोक्ता से पूरी दादागिरी के साथ पेनाल्टी सहित राशि वसूली जाती है। कनेक्शन तक काटकर गरीब को अंधेरे में रहने को मजबूर तक कर दिया जाता है।गरीब को दुत्कार और रसूखदारों को दुलार देने वाले इस मामले में टेक्स की भरपाई करने और करवाने की जिम्मेदारी आखिर किसकी तय होगी।यदि शहर के गरीब और कमजोर वर्ग द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधयों में गरीबो के प्रति जरा भी हम दर्दी है तो इन आयोजकों के सारे रिकॉर्ड की जांच कर पूरा पूरा टेक्स वसूलने के निर्देश नपा अधीकारियों को देने चाहिए।
इनका कहना
किसी भी गरबे के आयोजकों द्वारा मनोरंजन की राशि अभी तक जमा नहीं कि गयी है। शाषन द्वारा निर्धारित दर के आधार पर नोटिस जारी कर राशि जमा करवाई जाएगी।
ओपी भदोरिया मुख्य नगर पालिका अधिकारी बैतूल
पहले मनोरंजन कर की वसूली आबकारी विभाग द्वारा की जाती थी।लेकिन अब यह नगर पालिका के अधिकार क्षेत्र में दे दिया गया है। नगर पालिका को मनोरंजन कर की वसूली करना चाहिए।
अंशुमान सिंह चढ़ार
जिला आबकारी अधिकारी बैतूल