भोपाल: मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में हीरा की खदाने हैं. यहां से बड़ी संख्या में हीरा निकलता भी है, लेकिन इससे मध्य प्रदेश सरकार को सकल घरेलू खनिज का 1 प्रतिशत भी कमाई नहीं होती है. यदि बीते सालों की बात करें तो मध्य प्रदेश में करीब 8.50 करोड़ रुपये का हीरा निकला है. वहीं साल 2023-24 में तो केवल 54 लाख रुपये का हीरा ही मध्य प्रदेश की खदानों से निकाला गया, लेकिन हीरे की हर साल घटती मात्रा से मध्य प्रदेश में इसकी चमक फीकी पड़ती जा रही है.

इन खजिन संसाधानों की मध्य प्रदेश में हैं खदानें
बता दें कि मध्य प्रदेश में कोयला, बाक्साइट, ताम्र अयस्क, लौह अयस्क, मैंगनीज, राक फास्फेट, हीरा, लैटेराइट और चूना पत्थर की खदानें हैं. यदि साल 2023-24 की बात करें तो मध्य प्रदेश में सबसे अधिक कोयला निकाला गया. जिसकी मात्रा करीब 1585 मीट्रिक टन थी. वहीं दूसरे नंबर पर प्रदेश में करीब 682 मीट्रिक टन चूने का पत्थर निकाला गया. इसी प्रकार 25.46 मीट्रिक टन ताम्र अयस्क, 63.01 मीट्रिक टन लौह अयस्क, 10.50 मीट्रिक टन मैंगनीज, 6.18 मीट्रिक टन बाक्साइट और 3.92 मीट्रिक टन राक फास्फेट का खनन किया गया. इस दौरान मध्य प्रदेश में 53.33 कैरेट हीरे का खनन भी किया गया.

हीरे के खनन में रिकार्ड 86.25 प्रतिशत की गिरावट
प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2023-24 में वर्ष 2022-23 की तुलना में कोयला, ताम्र अयस्क, लौह अयस्क एवं चूना पत्थर के उत्पादन में वृद्धि दर्ज की गई है. गत वर्ष की तुलना में कोयले का उत्पादन 8.6 प्रतिशत, बाक्साइट का उत्पादन 2.63 प्रतिशत, लौह अयस्क के उत्पादन में 44.73 प्रतिशत और चूना पत्थर के उत्पादन में 34.89 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसी प्रकार ताम्र अयस्क के उत्पादन में 17.59 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है, लेकिन हीरा और राक फास्फेट के उत्पादन में गिरावट हुई है. साल 2023-24 में हीरे के खनन में 86.25 प्रतिशत और राक फास्फेट के खनन में 11.83 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई है.