श्री राम ने किया ताड़का वध अहिल्या का हुआ उद्धार
बैतूल- श्री कृष्ण पंजाब सेवा समिति के तत्वावधान में गंज रामलीला मैदान स्थित विशाल मंच पर चल रहे रामलीला महोत्सव के दौरान शुक्रवार तीसरे दिन देर रात्रि मंचित रामलीला के दौरान यज्ञ रक्षा, ताड़का वध व अहिल्या उद्धार के प्रसंग का मंचन किया गया. जिसमें दिखाया गया कि श्रीराम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न शिक्षा ग्रहण करने के बाद जब वापस अयोध्या आते हैं, वहां विश्वामित्र का आगमन होता है। वह राम और लक्ष्मण को यज्ञ की रक्षा के लिए अपने साथ ले जाते हैं। विश्वामित्र के साथ श्रीराम व लक्ष्मण उनके आश्रम के तरफ चल देते हैं तो रास्ते में ताड़का राक्षसी सोई रहती हैं तो श्रीराम विश्वामित्र से पूछते है कि ये भयानक शरीर वाली कौन है तो विश्वामित्र बताते है कि यह ताड़का राक्षसी है जो साधू-संत पकड़ कर खा जातीं हैं। इसलिए इसका वध करो तो श्री राम ताड़का का वध करते हैं। फिर आश्रम पर पहुंच कर विश्वामित्र के यज्ञ को प्रारंभ कराते हैं। उसी समय मारीच, सुबाहु आकर यज्ञ भंग करने की कोशिश करते हैं तभी श्रीराम एक बाण मार कर मारीच को सौ योजन समुद्र पार भेज देते हैं और सुबाहु का वध करते हैं। जब विश्वामित्र का यज्ञ संपन्न होता है तभी विश्वामित्र मुनि के पास राजा जनक का जनकपुर से निमंत्रण आता है। वह श्रीराम व लक्ष्मण को लेकर जनकपुर के लिए चल देते हैं। रास्ते में गौतम की पत्नी अहिल्या जो पत्थर के शिला के रूप में पड़ी थी। श्रीराम अपने चरण रज से अहिल्या का उद्धार करते हैं। इस दौरान श्रीराम के जयकारों से पूरा रामलीला मैदान गूंज उठा। रामलीला देखने दूरदराज से लोग पहुंच रहे हैं जिसके कारण देर रात तक पंडाल खचाखच भरा रह रहा।