बैतूल-2023 में जो था फरियादी 2025 में बन गया हत्यारा

बैतूल:-साढ़े तीन माह पहले हुए कत्ल के मामले में किये गए खुलासे में बैतूल पुलिस ने उत्कृष्ठ पुलिसिंग का बेहतरीन उदाहरण सामने रखा है। खास बात ये हैं कि, घटना स्थल से पुलिस को मात्र जली हुई सिर की हड्डी के साथ दूसरी हड्डी का छोटा सा टुकड़ा और एक कड़ा मिला था। वास्तव में घटना की विवेचना और आरोपियों तक पहुंचना पुलिस के लिए किसी चैलेंज से कम नहीं था, लेकिन पुलिस ने न ही 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया बल्कि परिस्तिथि जन्य साक्ष्य भी जुटा लिए।
दरअसल 10 दिसम्बर 2024 को पुलिस को सूचना मिली थी कि , शाहपुर और पाढर के बीच जंगल मे जली हुई खोपड़ी और एक हड्डी पड़ी हुई है। मौके का निरीक्षण करने पहुंचे एसपी निश्चल एन झारिया ने काफी बारीकी से अध्ययन कर हड्डियां, और एक कड़ा बरामद किया। मामला काफी सम्वेदनशील नजर आया। इसी बीच कोतवाली थाने में एक युवक रिंकेश चौहान की गुमशुदगी दर्ज हो गयी। इसके बाद हड्डियों का क्रॉस डीएनए टेस्ट कराया गया। तो मिली हुई हड्डियां रिंकेश चौहान की ही निकली।
पिटाई से आहत होकर आरोपियों ने दिया घटना को अंजाम
एसपी निश्चल एन झारिया ने बताया कि, घटना में प्रकरण 28 दिसम्बर को मामला दर्ज किया गया था। जांच में यह सामने आया की रिंकेश ने आरोपी आशीष परते की पिटाई की थी जिसका विडिओ वायरल होने के बाद आशीष सहित परिजन आहत थे। घटना के बाद आशीष परते,नितिन, प्रदीप, मनीष, शिवा ने रिंकेश को अगवा किया और बेरहमी से पीटा, दिन भर बंधक बनाकर रखा गया शाम के वक्त आशीष ने 15 लीटर डीजल और टायर की व्यवस्था की और जंगल मे ले जाकर फिर मारपीट की जब रिंकेश की मौत हो गयी तो उसे टायर लकड़ियों के बीच रखकर जला दिया गया। घटना के खुलासे के लिये पुलिस उलझी जरूर रही लेकिन पर्दाफाश करने में कामयाबी हासिल कर ही ली। एसपी के मुताबिक इस पेचीदा मामले का खुलासा होने के बाद इस केस को रुस्तम अवार्ड के लिए राज्य सरकार के पास भेजे जाने की बात कही गई है।